
डिपोर्टेशन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिका से निकाले गए करीब 300 लोगों को पनामा के पास एक होटल में हिरासत में लिया गया है और वे मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहां पुलिस का सख्त पहरा लगाया जा रहा है और खिड़कियों से मदद मांगते इन प्रवासियों की तस्वीर सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक, इनमें से अधिकतर डिपोर्ट लोग ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन के हैं। नागरिक अपने कमरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से 40 फीसदी स्वेच्छा से अपने देश वापस नहीं लौटना चाहते हैं। अमेरिका को इन निर्वासित लोगों को सीधे उनके देशों तक पहुंचाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण पनामा को एक रोक बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो के मुताबिक, इन प्रवासियों को भोजन और इलाज समेत बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं। यह पूरी व्यवस्था अमेरिका-पनामा में जारी एक समझौते के तहत की जा रही है। वहीं इस पूरे ऑपरेशन का खर्च अमेरिका उठा रहा है।
सोशल मीडिया पर कुछ प्रवासियों की खिड़कियों से मदद मांगते हुए तस्वीर वायरल हो रही है। इस बारे में सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो का कहना है कि लोग जेल में नहीं हैं लेकिन उन्हें कमरे से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। पूरे होटल पर पुलिस का पहरा है।