
केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। केंद्र सरकार ने बजट से पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है। दरअसल, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी क्र दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बैठक में 7वां वेतन आयोग (पे-कमीशन) 1 जनवरी, 2016 से लागू हुआ था। इससे करीब 1 करोड़ लोगों को फायदा हुआ था। वेतन आयोग हर 10 साल में लागू किया जाता है। उम्मीद है कि मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर देगी। इससे केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन और पेंशन बढ़ेगी।

वेतन आयोग के इतिहास पर नजर डालें तो इसका कार्यकाल 10 साल का रहा है। चौथा, पांचवां और छठा वेतन आयोग 10-10 साल के लिए था। साथ ही 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था। इस साल फिटमेंट फैक्टर 1.86 से बढ़ाकर 2.57 कर दिया गया। इससे मूल वेतन में 2.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में खत्म हो जाएगा।
रिपोर्ट्स केअनुसार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा। पेंशन की बात करें तो फिलहाल न्यूनतम पेंशन 9 हजार रुपये है, जो बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है।
वेतन आयोग असल में एक हाई लेवल कमेटी है। इसका गठन केंद्र सरकार करती है। सबसे हालिया वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। वेतन आयोग का मकसद यह तय करना है कि आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से कर्मचारियों को सम्मान से जीने लायक उचित वेतन मिले। यह सरकारी कर्मचारियों के आर्थिक कल्याण के लिए सुधारों की सिफारिश करता है। इसमें कर्मचारी कल्याण की नीतियां, पेंशन, भत्ते और अन्य लाभों शामिल होते हैं।