
मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta ने अपनी मॉडरेशन पॉलिसी में बड़े बदलाव की घोषणा की है। मेटा ने बताया कि वह अपने फैक्ट चेक प्रोग्राम को ‘कम्युनिटी नोट्स’ प्रोग्राम से बदल रहे हैं। बता दें कि प्रोग्राम ये एलन मस्क के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मॉडल के समान है। थर्ड पार्टी फैक्ट चेक प्रोग्राम को हटाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से होगी।
फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा ने कहा कि उसने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि एक्सपर्ट फैक्ट चेकर की अपनी कुछ कमियां हैं और वे किसी एक पक्ष की तरफ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण बहुत अधिक कंटेंट फैक्ट चेकिंग के दायरे में आ जाते हैं। मेटा अपने प्लैटफॉर्म पर फ्री एक्सप्रेशन यानी अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ाने के लिए ये बदलाव कर रहा है।
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि हम फैक्ट चेकर से छुटकारा पाने जा रहे हैं और उनकी जगह एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसा कम्युनिटी नोट्स मॉडल लाएंगे, जिसकी शुरुआत अमेरिका से होगी। उन्होंने कहा कि खासकर अमेरिका में फैक्ट चेकर पक्षपाती रहे हैं और उन्होंने जितना भरोसा बनाया है, उससे कहीं अधिक विश्वास को खत्म कर दिया है।
जुकरबर्ग ने एक वीडियो अनाउंसमेंट में कहा कि हम अपनी रूट्स की ओर वापस जा रहे हैं और गलतियों को कम करने, अपनी नीतियों को सरल बनाने और अपने प्लेटफॉर्म पर फ्री एक्सप्रेशन का ऑप्शन ला रहे हैं। ये बदलाव Facebook, Instagram और Threads पर दिखाई देंगे।
बता दें कि मेटा के फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को 2016 में लॉन्च किया गया था, जो गलत सूचना की पहचान करने और लेबल करने के लिए पोलिटिफैक्ट और FactCheck.org जैसे थर्ड -पार्टी फैक्ट चैकर पर निर्भर थी। जुकरबर्ग ने इस प्रोग्राम की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें एरर होने की संभावना अधिक थी।